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हमारे सभी बच्चों के लिए शिक्षा: विविध जातियों को अपनाना

यह अध्ययन एक दीर्घकालिक अंतर्दृष्टि ब्रीफिंग है

एक दीर्घकालिक अंतर्दृष्टि ब्रीफिंग उन मुद्दों को पहचानने और तलाश करने में मदद करती है जो आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड में लोगों के भविष्य के कल्याण के लिए मायने रखते हैं। वे मध्यम और लंबी अवधि की प्रवृतियों, जोखिमों और अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं, और सर्वोत्तम तरीके से प्रतिक्रिया देने के विकल्पों का पता लगाते हैं।

एजूकेशन रिव्यू ऑफिस (शिक्षा समीक्षा कार्यालय), जातीय समुदायों के मंत्रालय के साथ साझेदारी में, जातीय समुदायों और उनके whānau (फानाऊ) के विद्यार्थियों के शिक्षा के अनुभवों को समझना चाहता था।

“Whānau” माता-पिता/देखभाल करने वाले और इन विद्यार्थियों के विस्तारित परिवार को उनके करीबी रिश्तों और संबंधों के महत्व को स्वीकार करने को संदर्भित करता है।

जातीय विविधता क्या होती है?

विविधता के कई रूप हैं, जिनमें अन्य समेत, जातीय, सांस्कृतिक, भाषा, लिंग, लैंगिक पहचान, धार्मिक विविधता शामिल हैं। इस स्टडी के लिए हम जातीय विविधता और संबंधित भाषा, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विविधता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जातीयता को उन जातीय समूहों के रूप में परिभाषित किया जाता है जिस से लोग उन्हें पहचानते हैं या महसूस करते हैं कि वे उस से संबंधित हैं। इस रिपोर्ट में शामिल जातीय समुदाय अफ्रीकी, एशियन, लैटिन-अमेरिकन और मध्य-पूर्वी हैं।

'एथनिक (जातीय)' शब्द उन लोगों को संदर्भित करता है जो मध्य पूर्वी, लैटिन अमेरिकी, महाद्वीपीय यूरोपियन के रूप में अपनी जातीयता की पहचान करते हैं; एशियन या अफ्रीकन। हमारे सर्वेक्षणों की प्रतिक्रियाओं और उपलब्ध आंकड़ों के कारण, हमने इस रिपोर्ट में महाद्वीपीय यूरोपियन विद्यार्थियों के अनुभवों को शामिल नहीं किया है।

ये विद्यार्थी कौन हैं?

जातीय समुदायों के विद्यार्थी बहुत विविध हैं जिसमें जातीयता, धर्म, संस्कृति, न्यूज़ीलैंड में उनके समय और पारिवारिक पृष्ठभूमि की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। जातीय समुदायों के दो तिहाई से अधिक विद्यार्थी न्यूज़ीलैंड में पैदा हुए थे। कई विद्यार्थियों की कई जातीयताएँ होती हैं, और आधे से ज्यादा जातीय समुदाय कई भाषाएँ बोलते हैं।

आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड के स्कूलों में जातीय विविधता कैसी दिखती है, और यह कैसे बदल रही है?

आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड जातीय रूप से विविध है, और यह तेजी से बदल रहा है।

देश भर में विविधता बढ़ रही है, लेकिन यह सबसे तेजी से शहरी क्षेत्रों में बढ़ रही है। विद्यार्थी जातीय समुदायों की एक विस्तृत श्रृंखला से होंगे। यह उम्मीद की जाती है कि 2043 तक, चार में से एक (26 प्रतिशत) विद्यार्थी एशियन के रूप में पहचाना जायेगा और 20 में से एक (3.6 प्रतिशत) मध्य पूर्वी, लैटिन अमेरिकन या अफ्रीकी (MELAA - एमईएलएए) के रूप में पहचाना जायेगा। ऑकलैंड में पांच में से दो (43 प्रतिशत) से अधिक विद्यार्थी एशियन के रूप में पहचाने जायेंगे।

चित्र 1ः ओटियारोआ न्यूज़ीलैंड में उन विद्यार्थियों (5-19 वर्ष) का अनुपात जो स्वयं की पहचान MELAA (एमईएलएए) या एशियन समूह के  रूप में करते हैं

Stats  NZ (सांख्यिकी न्यूज़ीलैंड), 2013 और 2018 जनगणनाएं, जातीय समूह (2013 और 2018 के लिए); और राष्ट्रीय जातीय जनसंख्या अनुमान: 2018 (आधार)-2043, औसत अनुमान (2043 के लिए)।

Asian

एशियन

MELAA (Middle Eastern, Latin American and African)

मिडल ईस्टर्न (मध्य पूर्वी), लैटिन अमेरिकन और अफ्रीकन

चित्र 2: क्षेत्रीय रूप से विद्यार्थियों (5 - 19 वर्ष की आयु) का अनुपात जो एशियन के रूप में अपनी पहचान करते हैं

 

स्रोतः Stats  NZ (सांख्यिकी न्यूज़ीलैंड), 2018 जनगणना, जातीय समूह (2018 के लिए) और सबनेशनल (उपराष्ट्रीय) जनसंख्या अनुमान: 2018‑आधार (2043 के लिए) औसत अनुमान (2043 के लिए)।

The Asian population is expected to increase in schools across the country

देश भर के स्कूलों में एशियाई आबादी बढ़ने की उम्मीद है

Auckland

ऑकलैंड

Bay of Plenty

Bay of Plenty (बे ऑफ प्लंटी)

Waikato

Waikato (वायकाटो)

Wellington

Wellington (वैलिंगटन)

Nelson

Nelson (नेल्सन)

Canterbury

Canterbury (कैंटरबरी)

Southland

Southland (साउथलैंड)

 

विविध जातीय समुदायों के विद्यार्थियों और उनके whānau (परिवार) के शैक्षिक अनुभव क्या हैं?

1. जातीय समुदायों के बहुत से विद्यार्थी शिक्षा में उपलब्धि प्राप्त करते हैं।

नेशनल सर्टिफिकेट ऑफ एजुकेशनल अचीवमेंट (NCEA) को देखते हुए, न्यूज़ीलैंड के औसत की तुलना में एशियन विद्यार्थियों के लिए अचीवमेंट और एन्डॉर्समेंट (उपलब्धि और पुष्टि) ज्यादा हैं, और MELAA तथा एशियन विद्यार्थियों के University Entrance (विश्वविद्यालय प्रवेश) प्राप्त करने और विश्वविद्यालय जाने की अधिक संभावना है। हालाँकि, जातीय समुदायों में महत्वपूर्ण अंतर हैं, और सभी जातीय समुदायों के भीतर ऐसे विद्यार्थी हैं जो अच्छी उपलब्धि नहीं कर रहे हैं।

चित्र 3: NCEA (एनसीईए) लेवल 2 मेरिट और एक्सीलेंस एंडोर्समेंट (उत्कृष्टता का अनुमोदन), जातीयता के आधार पर: 2021

चित्र 3: NCEA (एनसीईए) लेवल 2 मेरिट और एक्सीलेंस एंडोर्समेंट (उत्कृष्टता का अनुमोदन), जातीयता के आधार पर: 2021

स्रोत: NZQA, NCEA लेवल 1, 2 और 3 जातियों द्वारा प्राप्ति, 2021

2. जातीय समुदायों के विद्यार्थी व्यापक नस्लवादी दादागिरी (डराने-धमकाने) का अनुभव करते हैं, जिसे अक्सर उनके स्कूल द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जाता है।

जातीय समुदायों के पांच में से एक विद्यार्थी ने पिछले महीने नस्लवादी दादागिरी का अनुभव किया है, और आधे से अधिक ने देखा है कि दूसरों को उनकी जातीयता के कारण तंग किया जा रहा है। whānau (परिवार) और विद्यार्थी दोनों नें रिपोर्ट की है कि नस्लवादी दादागिरी को स्कूल में बेहतर ढंग से पहचानने और संबोधित करने की आवश्यकता है। जातीय समुदायों के लगभग एक तिहाई विद्यार्थियों को नहीं लगता कि उनका स्कूल नस्लवादी डराने-धमकाने को गंभीरता से लेता है।

चित्र 4: पिछले 30 दिनों में विद्यार्थियों के नस्लवादी दादागिरी और नस्लवाद के अनुभव

चित्र 4: पिछले 30 दिनों में विद्यार्थियों के नस्लवादी दादागिरी और नस्लवाद के अनुभव[1]  

 


[1] प्रतिक्रियाओं का कुल प्रतिशत 100 प्रतिशत से ज्यादा है क्योंकि उत्तर देने वाले कई विकल्पों का चयन कर सकते हैं।

स्रोत: ERO (ईआरओ) छात्र सर्वेक्षण, 2022

 

“मुझे अभी भी भारतीय भोजन को स्कूल ले जाना अजीब लगता है क्योंकि आपको इसे अपने हाथों से खाना पड़ता है। मेरी एक सहेली- वह भी भारतीय है, उसके भोजन के लिए उसे इतनी बुरी तरह से धमकाया (तंग किया) गया कि वह अकेली हो गई। और उसने स्कूल में सैंडविच लाने की कोशिश की, भले ही वह उन्हें पसंद नहीं करती थी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।” विद्यार्थी

3. जातीय समुदायों के विद्यार्थी अक्सर स्वयं को जुड़ा हुआ (उसका हिस्सा) महसूस नहीं करते हैं।

जातीय समुदायों के लगभग पांच विद्यार्थियों में से एक ने बताया कि वे अक्सर महसूस करते हैं कि वे इसका हिस्सा नहीं हैं और एक तिहाई हर हफ्ते या रोजाना स्कूल में अकेलापन महसूस करते हैं। पांच में से लगभग एक को यह भी लगता है कि उन्हें स्कूल में अपनी जातीय पहचान छिपानी पड़ती है या अपनी जातीय पहचान के कारण गतिविधियों से बाहर या अलग महसूस करते हैं। विशेष रूप से MELAA विद्यार्थियों में सुख या कल्याण की भावना बहुत ही कम है।

“मुझे लगता है कि आप केवल सांस्कृतिक सप्ताह के दौरान ही अपनी संस्कृति के बारे में बातचीत कर सकते हैं।” विद्यार्थी

4. शिक्षा प्रावधान हमेशा यह प्रतिबिंबित नहीं करता है कि जातीय समुदायों के whānau (परिवार) और विद्यार्थी क्या चाहते हैं।

जैसे-जैसे आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड बदलता है, वैसे-वैसे समुदाय शिक्षा से क्या चाहते हैं, यह भी बदलता है। वर्तमान में शिक्षा हमेशा यह नहीं दर्शाती है कि जातीय समुदायों के whānau (परिवार) क्या चाहते हैं। दस में से चार whānau (परिवार), और जातीय समुदायों के लगभग एक तिहाई विद्यार्थियों को नहीं लगता कि स्कूल का काम पर्याप्त रूप से चुनौतीपूर्ण है। लगभग दो-तिहाई whānau (परिवार) सोचते हैं कि स्कूलों को उनकी मातृभाषा का समर्थन करना चाहिए, लेकिन 11 जातीय भाषाएं हैं- जिनमें हिंदी भी शामिल है, जो आओटियारोआ में चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है - ये भाषाएं NCEA क्वालिफिकेशन (एनसीईए योग्यता) के रूप में उपलब्ध नहीं हैं। कुछ whānau (परिवार) यह भी चाहते हैं कि स्कूलों में धर्मों के बारे में ज्यादा शिक्षा दी जाए।

5. जातीय समुदायों के Whānau (परिवारों) को स्कूलों के साथ संबंध बनाने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

जातीय समुदायों के Whānau (परिवार) अपने बच्चों की शिक्षा का हिस्सा बनना चाहते हैं। वेकिसी भी अन्य गतिविधि की तुलना में अभिभावक सूचना सत्र में अधिक भाग लेते हैं लेकिन अपने बच्चों के सीखने के बारे में जानकारी उन्हें अपर्याप्त या भ्रमित करने वाली लगती है। स्कूल के बोर्डों में उनका प्रतिनिधित्व काफी कम है - उदाहरण के लिए, स्कूल बोर्डों में केवल 2 प्रतिशत माता-पिता एशियन हैं।

6. जातीय समुदायों के कई विद्यार्थी टर्शरी स्टडी (तृतीयक अध्ययन) के लिए जाते हैं, लेकिन वहां तक पहुंचने के मार्ग उन्हें भ्रमित करने वाले लगते हैं और कुछ के लिए, अध्यापकों के पूर्वाग्रह उनके विकल्पों में अनुचित रूप से बाधाएं प्रस्तुत करतेे हैं।

न्यूज़ीलैंड के औसत की तुलना में जातीय समुदायों के विद्यार्थियों के तृतीयक अध्ययन में जाने की संभावना अधिक होती है। लेकिन कुछ के लिए, उनके विकल्पों को सीमित किया जा रहा है। जातीय समुदायों के चार माध्यमिक विद्यार्थियों में से एक से अधिक ने रिपोर्ट की है कि उनके पाठ्यक्रम चयन के लिए अध्यापकों की सिफारिशें जातीयता से प्रभावित होती हैं। जातीय समुदायों के विद्यार्थियों और whānau दोनों को NCEA भ्रमित करने वाला लगता है। और विद्यार्थियों का पांचवां हिस्सा विषयों या करियर (आजीविका) के रास्तों को चुनने में समर्थित महसूस नहीं करता है।

"विशेष जातीय समूहों को क्या आकांक्षा करनी चाहिए, इसकी स्टीरियोटाइपिंग (रूढ़िबद्धता) बहुत सीमित करने वाली है और छात्रों को अपनी आकांक्षाओं तक पहुंचने में सक्षम नहीं बनाती है"। (समुदाय के युवा नेता)

विद्यालय जातीय समुदायों के विद्यार्थियों और उनके Whānau की जरूरतों को कैसे पूरा कर रहे हैं?

1. कुछ स्कूल पहले से ही जातीय समुदायों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कार्य प्रणालियों का नवाचार कर रहे हैं और उन्हें अपना रहे हैं।

ERO (ईआरओ) ने स्कूलों का दौरा किया और पाया कि कई शिक्षक क्या और कैसे पढ़ाते हैं, उसे अनुकूल बना रहे हैं, जातीय समुदायों से जुड़ रहे हैं, और अपने विद्यार्थियों की संस्कृतियों और उनकी अध्ययन की जरूरतों के बारे में अपनी समझ बढ़ा रहे हैं। हालाँकि, हमने यह भी पाया कि विद्यालय समायोजन के दौरान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, यह कि सभी विद्यालय नई कार्य प्रणालियों को नहीं अपना रहे हैं, और बहुत से लोग यह नहीं जानते कि वे जो कर रहे हैं वह काम कर रहा है या नहीं।

2. विद्यालय में विद्यार्थियों के अनुभवों की कुंजी, अपने विद्यार्थियों के प्रति, उनकी संस्कृति सहित शिक्षक की समझ है, लेकिन इसे बनाने (आगे बनाने) की आवश्यकता है।

संस्कृतियों के बारे में अध्यापक की समझ हमारी बदलती आबादी के अनुरूप नहीं है। शिक्षण कार्यबल विद्यार्थियों की जातीयता को प्रतिबिंबित नहीं करता है। उदाहरण के लिए, केवल 5 प्रतिशत अध्यापक एशिया से हैं। अध्यापकों के सांस्कृतिक ज्ञान और जागरूकता की कमी के बारे में Whānau और विद्यार्थी चिंतित हैं। शिक्षक रिपोर्ट करते हैं कि विद्यार्थी की सांस्कृतिक और सीखने की जरूरतों के बारे में उनकी जागरूकता सीमित है। आधे से अधिक शिक्षक जातीय समुदायों से जुड़ने में आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं। जातीय समुदायों के आधे विद्यार्थियों ने अपने अध्यापकों द्वारा उनके नामों का गलत उच्चारण करने की सूचना दी।

भविष्य में शिक्षा के लिए इसका क्या तात्पर्य है?

जैसे-जैसे न्यूज़ीलैंड के स्कूल अधिक विविधतापूर्ण होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हम क्या पढ़ाते हैं और कैसे पढ़ाते हैं, इस समेत शिक्षा पर फिर से विचार करने का एक रोमांचक अवसर है। आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड में शिक्षा के भविष्य पर विचार करते समय हमने पांच बड़े पहलुओं की पहचान की है।

1. प्रत्येक स्कूल को बढ़ी हुई जातीय विविधता का सामना करने में सक्षम होना चाहिए।

न केवल ऑकलैंड में – बल्कि पूरे देश में जातीय विविधता बढ़ रही है – और सबसे बड़े परिवर्तन हमारी युवा आबादी में हो रहे हैं। स्कूलों में जातीय विविधता में यह वृद्धि सांस्कृतियों की विविधता और बोली जाने वाली भाषाओं की विविधता की वृद्धि में प्रतिबिंबित होती है। प्रत्येक स्कूल को जातीय समुदायों के विद्यार्थियों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होने की आवश्यकता है ताकि वे न केवल शिक्षा प्राप्त करना जारी रखें बल्कि वे स्कूल में भी फले-फूलें।

2. हर स्कूल को नस्लवाद से निपटने में सक्षम होने की जरूरत है।

आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड में जातीय समुदायों के बहुत से विद्यार्थी नस्लवादी बदमाशी (या डराने-धमकाने) और जातीय पक्षपातों का अनुभव करते हैं। और, जब वे चिंता व्यक्त करते हैं, तो उन पर हमेशा कार्रवाई नहीं की जाती है। हमें इसमें सुधार करना चाहिए। हर स्कूल को नस्लवाद को रोकने और उससे निपटने में सक्षम होने की जरूरत है।

3. हमें जातीय समुदायों के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा प्रदान करने में सुधार लाने की आवश्यकता है।

हमें इस बारे में अधिक समझने की आवश्यकता है कि सीखने के अनुभव क्या हैं और विभिन्न जातीय समुदाय जो परिणाम चाहते हैं, वे क्या हैं। इसमें स्कूलों के प्रकार और स्थान तथा पढ़ाए जाने वाले विषय शामिल हो सकते हैं। हमें वर्तमान शिक्षण कार्यबल की सांस्कृतिक क्षमता में वृद्धि करनी चाहिए और भविष्य के लिए अधिक जातीय रूप से विविध शिक्षण कार्यबल का विकास करना चाहिए।

4. हमें जातीय समुदायों के विद्यार्थियों के शिक्षा के अनुभवों और परिणामों को बेहतर ढंग से समझने और उन्हें शिक्षा में एक मजबूत आवाज देने की आवश्यकता है।

2043 में, एक चौथाई विद्यार्थी जातीय समुदायों से होंगे; उनके द्वारा प्राप्त की जाने वाली शिक्षा के बारे में उनके समुदायों की आवाज मजबूत होनी चाहिए। जातीय समुदायों के हमारे विद्यार्थी और उनके परिवार हमारे द्वारा इकट्ठा किए गए शिक्षा के आँकड़ों में, शिक्षा के बारे में हमारे द्वारा की जाने वाली बातचीत में, और हमारे द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों में अदृश्य होते हैं। हमें उनके अनुभवों और परिणामों को समझने, (विशेष रूप से विभिन्न जातीय समूहों के बीच वे कैसे भिन्न हैं), और शिक्षा में जातीय समुदायों को एक मजबूत आवाज प्रदान करने कीआवश्यकता है।

5. आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड के भविष्य के लिए हमें जातीय समुदायों और उनके whānau के विद्यार्थियों के लिए अच्छी शिक्षा की आवश्यकता है।

जातीय समुदायों के विद्यार्थियों और उनके whānau में शिक्षा के लिए ऊँची आकांक्षाएं है, और वे अपनी घरेलू भाषाओं को बनाए रखने को महत्व देते हैं। इन आकांक्षाओं का समर्थन करने और आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड की शिक्षा को सभी जातियों और संस्कृतियों के विद्यार्थियों के लिए महान बनाने से हमें अपनी शिक्षा प्रणाली, कार्यबल, संस्कृति और अन्य देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

अब क्या? भविष्य के लिए मुख्य फोकस क्षेत्र

जातीय समुदायों के बहुत से विद्यार्थी शिक्षा में सफलता प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन व्यापक नस्लवाद, अलगाव और सांस्कृतिक समझ की कमी का सामना कर रहे हैं। एक देश के रूप में फलने-फूलने के लिए हमें बदलने की जरूरत है। पांच क्षेत्र ऐसे हैं जहां आगे चलकर बदलाव के अवसर हैं।

  1. जातीयता को समाप्त करना। भविष्य में, नस्लवाद से निपटने पर मजबूत अपेक्षाएं निर्धारित करने और जब नस्लवाद से निपटा नहीं जाता है तो माता-पिता तथा विद्यार्थेयों के लिए स्पष्ट रास्ते प्रदान करने के विकल्प हैं। हम उन समूहों के खिलाफ नस्लवाद से निपटने के लिए भी एकाग्र प्रयास कर सकते हैं, जिन्हें अक्सर निशाना बनाया जाता है।
  2. जो पढ़ाया जाता है उसमें बदलाव लाना। भविष्य में, न्यूज़ीलैंड के जातीय समुदायों और उनके विद्यार्थियों को शिक्षा से क्या चाहिए, इसे और अधिक बारीकी से प्रतिबिंबित करने के लिए स्कूलों में जो पढ़ाया जाता है उसे बदला जा सकता है। इसमें स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली भाषाओं में बदलाव के साथ-साथ, जिस तरह से हम धर्मों के बारे में पढ़ाते हैं, जातीय समुदायों की दृश्यता और जो पढ़ाया जाता है, तथा स्कूल के काम में चुनौती का स्तर शामिल हो सकता है।
  3. यह कैसे पढ़ाया जाता है (और शिक्षक कौन हैं) को बदलना। भविष्य में, अध्यापकों को ज्यादा विविध विद्यार्थियों की जरूरतों को समझने और प्रतिक्रिया देने में सक्षम होने की आवश्यकता होगी। सभी अध्यापकों के कौशल को विकसित करने और ऐसे रास्ते प्रदान करने के विकल्प उपलब्ध हैं जो जातीय समुदायों के अधिक सदस्यों को पढ़ाने और Teacher Aides (अध्यापक सहायक) बनने में सहायता करते हैं।
  4. जहां इसे पढ़ाया जाता है वहां बदलना (विकल्पों का विस्तार करना)। भविष्य में, जातीय समुदाय उन स्कूलों की खोज कर सकते हैं जो शिक्षा के लिए उनकी अपेक्षाओं से मेल खाते हैं। ऐसा करने के लिए स्कूलों में समुदायों के समर्थन को बढ़ाने, अलग-अलग मूल्यों, पात्रों और अपेक्षाओं तथा विकल्पों के के लिए मौजूदा तंत्र उपलब्ध हैं।
  5. शिक्षा में जातीय समुदायों की दृश्यता और आवाज को बढ़ावा देना। आगे की ओर देखते हुए विद्यार्थियों की प्रगति के बारे में अधिक सख्ती के साथ जानकारी एकत्र करने और ट्रैक करने के विकल्प हैं, और स्कूल प्रशासन में जातीय समुदायों तथा विद्यार्थियों को प्राथमिकता देने एवं सक्रिय रूप से भर्ती करने के विकल्प हैं।

निष्कर्ष

आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड तेजी से जातीय रूप से विविध होता जा रहा है। यह हमारी शिक्षा प्रणाली को इस परिवर्तन को स्वीकार करने और अनुकूलित करने का अवसर प्रदान करता है ताकि जातीय समुदायों के विद्यार्थी और उनके whānau फले-फूलें। 2043 तक, हमारे सभी छात्रों का एक चौथाई जातीय समुदायों से होगा। वे शिक्षा के लिए क्या चाहते हैं, यह मायने रखता है।

शिक्षा द्वारा विविधता को अपनाने और सभी विद्यार्थियों की जरूरतों को पूरा करने से आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत हो जाएगा। यह विविध जातीय समुदायों के लोगों के रहने, सीखने, काम करने और अपने परिवारों को पालने के लिए और भी अधिक आकर्षक स्थान बन जाएगा।

यदि आप हमारे इस अध्ययन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप पूरी रिपोर्ट को पढ़ सकते हैं: Education for all our Children: Embracing Diverse Ethnicities (हमारे सभी बच्चों के लिए शिक्षा: विविध जातियों को शामिल करना)

यह सारांश निम्नलिखित भाषाओं में भी उपलब्ध है: अंग्रेजी, अरबी, चीनी (सरलीकृत), हिंदी, जापानी, खमेर, कोरियन, स्पेनिश, तागालोग, वियतनामी।

ERO (ईआरओ) ने क्या किया

यह समझने के लिए कि विविध जातीय समुदायों के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा कितनी अच्छी है, हमने कई तरह से जानकारी एकत्र की:

  • whānau के सर्वेक्षण (1,250 प्रतिक्रियाएं), 10 भाषाओं में उपलब्ध कराया गया
  • विद्यार्थियों (558) और अध्यापकों (263) के सर्वेक्षण
  • आओटियारोआ न्यूज़ीलैंड के आठ स्कूलों में साइट का दौरा
  • 13 सामुदायिक मीटिंगें / फोकस ग्रुप
  • 12 सऎ༁ऌञय के नेताओं यञ प्रस्तुतकर्ताओं के सञ़ साक्षात्कार
  • 56 सएऎिजन (प्रस्तुतियां)
  • आठ विद्यालयों के विद्यालय प्रमुखों के सञ़ ऑनलाइन फोकस ग्रुप
  • अन्य सरकारी एजेंसियों से आँकड़ों की एक विस्तृत श्रृंखला।

सार्वजनिक परामर्श ने हमारा मार्गदर्शन किया

यह अध्ययन जातीय समुदायों द्वारा निर्देशित किया गया है। मार्च 2022 में, हमने लॉन्ग-टर्म इनसाइट्स ब्रीफ़िंग टॉपिक कन्सलटेशन (दीर्घकालिक अंतर्दृष्टि विवरण विषय परामर्श) दस्तावेज़ प्रकाशित किया, और सबमिशन के लिए कहा था। नवंबर 2022 में, हमने सार्वजनिक परामर्श के लिए एक मसौदा रिपोर्ट जारी की,गोष्ठी आयोजित की, और मसौदा रिपोर्ट के बारे में लिखित प्रतिक्रियाएं प्राप्त की। प्रारंभिक परामर्श दस्तावेज़ सात भाषाओं में उपलब्ध था: अंग्रेजी, ते रीओ (माओरी भाषा), अरबी, चीनी (सरलीकृत), हिंदी, जापानी, कोरियन; तथा ड्रॉफ्ट रिपोर्ट सारांश और चरण 2 परामर्श प्रश्न अंग्रेजी, अरबी, चीनी (सरलीकृत), हिंदी, जापानी, खमेर, कोरियन, स्पेनिश, तागालोग, वियतनामी भाषाओं में उपलब्ध थे।

हम उन सभी के काम की सराहना करते हैं जिन्होंने इस शोध का समर्थन किया, विशेष रूप से विभिन्न जातीय समुदायों के विद्यार्थियों, माता-पिता और whānau, समुदाय के नेताओं, और अध्यापकों, तथा स्कूलों के नेताओं, जिन्होंने साक्षात्कारों, समूह में चर्चाओं और सर्वेक्षणों के माध्यम से अपने अनुभव, विचार और अंतर्दृष्टि हमारे साथ साझा की। हमने जो कुछ सीखा है उसके केंद्र में उनके अनुभव हैं। अपना समय देने के लिए, और अपने ज्ञान तथा अनुभवों को खुले तौर पर एवं पूरे दिल से साझा करने के लिए हम आपका धन्यवाद करते हैं।